चार युग चार चरण चार धर्म पाउ,
तप सत्य पवित्रता दया अत: तत्व दिलाउ,
इतिहाँस देवी सम्बन्ध विश्वास पुराण हिन्दु भाउ,
धर्म विषय ग्रन्थादि देव आस्था पवित्र मिलाउ !
व्यापक सर्व ज्योतिष पञ्चांग पक्ष आयुर्वेद अन्य,
पश्चात युग त्रेता अनि प्रथमत: सत्य धन्य,
ब्रम्हा दिनादि एक युग समस्त चार धान्य,
सुरू रविबार तृतीया अक्षय शुक्ल बैशाख मान्य !
योग पूजा काम अर्थ मायामय भक्ति धर्म,
मन्दिर शास्त्र मोक्ष संसार सज्जन दर्शन कर्म,
वेदोपनिषद महाभारत गीता सार राम वर्णन धर्म,
हजार अठ्ठाइस वर्ष लाख सत्रायु ससत्य कर्म !
युग सत्य मानव स्वर्णिम प्रथम धर्मरथ चाल,
त्रेता उद्भव वयस्कता जरा मृत्यु सत्य हाल ?
हा ! हा ! हाहाकार ! चिन्ता निदान उत्तम विधि,
चरण द्वारविषे उदर हस्त दूरदृष्टि मुग्दर निधि,
चर्म नासिका कर्ण बश द्वेष मुक्ति सत्य !
वलात्मा भोग वाक नामेट विलास युक्ति सत्य,
रज तमासा ससत्व बशपर धिर जुक्ति सत्य !
(..........) बशपर धिर जुक्ति सत्य !!
सम्पन्न !